सानिया शोएब की शादी की खबर मीडिया के लिए दुधारू गाय बन कर आई है. बाबाओं और भूतों के अलावा सेलिब्रेटीस ही सबसे ज्यादा बिकने वाली खबर होते हैं. फिर अगर बात भारत पकिस्तान के सितारों की हो तो मसाले की कमी ही क्या है! देशभक्ति का तड़का भी लगाया जा सकता है बड़ी आसानी से! पाक मीडिया इस को पकिस्तान की जीत बता रहा है तो भारतीय मीडिया ( खासकर इलेक्ट्रोनिक) इसमें भारत की शिकस्त दिखला रहा है! मुसलामानों को भारत पर बोझ मानने वालों के हाथ तो जैसे बटेर लग गई है . जिस देश का आम मुसलमान हमेशा संदेह की दृष्टि से देखा जाता हो वहां सानिया को गद्दार कहने वालों पर आश्चर्य कैसा?
जब सानिया से स्पष्ट रूप से यह कह दिया है कि शादी के बाद भी वो भारत के लिए ही खेलेंगी और व्यक्तिगत तौर पर अपने पति का समर्थन करेंगी , तो इतना हो हल्ला क्यों मचाया जा रहा है? जयशंकर प्रसाद की एक कहानी है "पुरस्कार". इसकी नायिका अपने देशप्रेम के लिए अपने प्रेमी का बलिदान करती है और अपने व्यक्तिगत प्रेम के लिए खुद उसके साथ सज़ा पाकर उसका साथ भी देती है. ज़ाहिर है यह कहानी उन लोगों ने नहीं पढ़ी होगी जो सानिया का अंध विरोध कर रहे हैं. अगर स्थिति इसके उलट होती यानी लड़की पाकिस्तान की और क्रिकेटर भारत का होता तो भी मीडिया ऐसी ही बेवकूफाना हरकतें करता जैसी वो अब कर रहा है. हाँ , तब "देशभक्त" भारतीयों की कुंठा ज़रूर शांत हुई होती! सबको सन्मति दे ---- संविधान !