खुद से अपने ही राज़दार हुए
इस तरह हम भी समझदार हुए
इस तरह हम भी समझदार हुए
सच कहा तो कोई नहीं माना
झूठ बोला सभी गुलज़ार हुए 
बज़्म में खूब वाह वाह मिली 
अपनी नज़रों में शर्मसार हुए--- नीलाम्बुज 
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