यहाँ पर आप मेरी एक पुरानी पोस्ट पढ़ सकते हैं । मोहल्ला लाइव पर ये मेरी पहली पोस्ट थी। काफी आक्रोश में लिखी थी। सिर्फ याद करने के लिए लगा रहा हूँ ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
सांवली लड़कियां
क्या तुमने देखा है उषाकाल के आकाश को? क्या खेतो में पानी पटाने पर मिट्टी का रंग देखा है? शतरंज की मुहरें भी बराबरी का हक़ पा जाती हैं जम्बू...
-
‘‘स्वच्छन्द काव्य भाव-भावित होता है, बुद्धि-बोधित नहीं। इसलिए आंतरिकता उसका सर्वोपरि गुण है। आंतरिकता की इस प्रवृति के कारण स्वच्छन्द का...
-
देखा विवाह आमूल नवल, तुझ पर शुभ पडा़ कलश का जल। देखती मुझे तू हँसी मन्द, होंठो में बिजली फँसी स्पन्द उर में भर झूली छवि सुन्दर, प्रिय क...
No comments:
Post a Comment