झूठ-चमक से हारा दिन
कैसा है अंधियारा दिन
कभी खुद्क़ुशी कर लेगा
विदर्भ-सा बेचारा दिन
कैसा है अंधियारा दिन
कभी खुद्क़ुशी कर लेगा
विदर्भ-सा बेचारा दिन
क्या तुमने देखा है उषाकाल के आकाश को? क्या खेतो में पानी पटाने पर मिट्टी का रंग देखा है? शतरंज की मुहरें भी जहां पा जाती हैं बराबरी का हक़ ...
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