परिंदे जब भी पर तोला करेंगे
दरीचे ख़्वाब के खोला करेंगे
अभी पूजा-नमाज़ें कर रहे हैं
ज़हर हम बाद में घोला करेंगे
जो अश्कों को बदल कर खून बेचें
वही पानी को कल 'कोला' करेंगे
अभी गुस्से का धूँआ उठ रहा है
बग़ावत का इसे शोला करेंगे
"हमें हक़ के लिए लड़ना पड़ा था"
नई पीढ़ी से हम बोला करेंगे
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